देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल: कोलकाता में महिला डाक्टर से दुष्कर्म और हत्या के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का पूरे देश में दिखा व्यापक असर। सरकारी के साथ निजी अस्पताल और नर्सिंग होम में भी डाक्टरों ने नहीं किया काम। ओपीडी रहीं बंद कई जगह नर्सिंग अधिकारी व फार्मेसिस्ट भी हड़ताल में शामिल।
देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल:
हड़ताल को गैरकानूनी बताते हुए उन्हें हड़ताल खत्म करके काम पर लौटने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि यदि हड़ताल की वजह से किसी की जान चली जाती है तो यह बहुत चिता की बात होगी। यह आदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव इण्डियन मेडिकल छोडिन्ध सचदेवा व न्यायमूर्ति विनय सराफ की पीठ ने डाक्टरों की हड़ताल को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर कहा कि कोलकाता की घटना से पूरा समाज चितित है।
लेकिन समाधान हड़ताल नहीं है। कोर्ट ने जूनियर डाक्टरों के वकील से कहा कि वह कानून सम्मत मशविरा देकर डाक्टरों को हडताल खत्म करने के लिए प्रेरित करें।
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हड़वाल नहीं है समाधान:
कोलकाता में आरजी कर मेडिकल कालेज में जूनियर महिला डाक्टर से दुष्कर्म व हत्या के विरोध में शनिवार को देशभर में चिकित्सक हड़ताल पर रहे। सरकारी अस्पतालों के साथ ही निजी और कारपोरेट अस्पताल और नर्सिंग होम के भी हड़ताल में शामिल होने से स्वास्थ्य सेवाएं बिल्कुल चरमरा गई। बड़े अस्पतालों में भी आपरेशन टाल दिए गए। हड़ताल के कारण मरीजों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के आह्वान पर राजधानी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ गुजरा महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, मिजोरम और नगालैंड सहित विभिन्न राज्यों के डाक्टर 24 घंटे की हड़ताल में सामिल हुए। दिल्ली में सर गंगा राम, फोर्टिस और अपोलो जैसे अस्पतालों ने अपनी ओपीडी, वैकल्पिक सर्जरी और आइपोटो सेवाएं बंद कर रखों। बंगाल में जूनियर डाक्टर आठ दिन से हड़ताल पर हैं। शनिवार को वरिष्ठ चिकित्सक भी शामिल हो गए।
स्वास्थ्य सेवाएं रहीं ठप:
स्वास्थ्य सेवाएं ठप रहीं। निजी स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में भी कमोवेश वहीं हालात रहे। बिहार में पटना के सभी प्रमुख अस्पतालों में सेवा बंद रही। प्रमुख अस्पतालों में 200 से अधिक आपरेशन टल गए। दरभंगा के डीएमसीएच में दो दिनों में आठ आपरेशन टाले गए गए हैं। मुजफ्फरपुर में निजी व सरकारी अस्पतालों में ताला लटका रहा। राजकीय मेडिकल कालेज व अस्पताल बेतिया से 1500 मरीज लौट गए। भागलपुर में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज एंड हास्पिटल में ओपीडी सेवा बंद रही। करीब 1500 मरीज बिना उपचार के लौट गए।
झारखंड में करीब 17 हजार चिकित्सक और 25 हजार स्वास्थ्यकर्मी एक साथ हड़ताल पर रहे। ओपीडी बंद रहने के कारण हजारों मरीजों को लौटना पड़ा। जांच, रूटीन सर्जरी आदि भी प्रभावित रहीं। उत्तराखंड में नर्सिंग अधिकारी, फार्मासिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, एनएचएम संविदा कर्मी सहित तमाम संगठनों ने हड़ताल को समर्थन दिया। इन सभी ने काली पट्टी बांधकर कार्य किया। न्याय की मांग को लेकर प्रत्येक जिले में मार्च भी निकाला गया हिमाचल में पहली बार हुआ है जब सरकारी के साथ निजी अस्पतालों में भी सेवाएं बन रही।
Divya: मेरा नाम दिव्या है। मैं फर्रुखाबाद की रहने वाली हूँ और मेरे को सबसे ज़्यादा बाइक और कार के बारे में लिखना बहुत पसंद है। मेरे को ब्लॉगिंग करते हुए लगभग 2 साल हो गए हैं। जिस कारण मेरे को दूसरो से अधिक जानकारी है जिसको मैं लोगों को ब्लॉग के माध्यम से पहुँचाती हूँ।